
Bikaner Blast : मदान मार्केट हादसे में 11वें घायल की पीबीएम में मौत, प्रशासन पर फूटा गुस्सा
RNE Bikaner.
बीकानेर के नया कुआ स्थित मार्केट में विस्फोट में एक और घायल की मौत हो गई। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। एक घायल का गंभीर हालत में जयपुर के हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इस मौत के साथ ही एक बार फिर बीकानेरवासियो का गुस्सा जिला प्रशासन और सरकार के प्रति जाहिर हुआ। शव लेने मोर्चरी के आगे जुटे लोगों ने ‘न्याय की मांग’ करते हुए नारे लगाये।
दरअसल मदान मार्केट के विस्फोट में घायल हुए उस्ता मोहल्ला निवासी 19 वर्षीय समीर पुत्र रमजान अली की सोमवार तड़के पीबीएम हॉस्पिटल में मौत हो गई। इस मौत के बाद एक बार फिर बीकानेरवासियों का दर्द मोर्चरी के सामने आक्रोश के रूप में जाहिर हुआ। मोर्चरी के आगे एकत्रित हुए लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार से ‘न्याय’ की मांग करते हुए नारे लगाये।
दरअसल इस हादसे में कुल 16 लोग दब गये थे जिनमें से 08 की मौके पर मौत हो गई। घायलों में से तीन ने इलाज के दौरान पीबीएम हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया वहीं एक घायल का जयपुर की हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। हादसे के दिन से ही पीड़ित परिवार और शहरवासी इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। लोगों की मांग पर जांच के लिए डीएसटी बना दी गई लेकिन अभी तक आरोपी या दोषी तय नहीं हुए है। किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इतना ही नहीं मृतकों के परिजनों को सहायता राशि नहीं दी गई है। मृतकों के परिजन पीड़ितों के परिवार से एक-एक व्यक्ति को संविदा पर नियुक्ति देने की भी मांग कर रहे हैं।
सोमवार को मोर्चरी के आगे प्रदर्शन करने वालों में शहर काजी शाहनवाज हुसैन, ईदगाह कमेटी अध्यक्ष हाफिज फरमान अली, मिर्जा हैदर बैग, गुलाम हुसैन चड़वा, नजरुल इस्लाम आदि शामिल रहे। नगर निगम के उपायुक्त यशपाल आहुजा, कोतवाली थानाधिकारी आदि ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया।
गौरतलब है कि इस मामले में हादसे के दूसरे दिन मोर्चरी के आगे सर्व समाज ने धरना दिया था। स्वर्णकार समाज की पूर्व अध्यक्षा मनीषा आर्य सोनी, मनीष लांबा, अब्दुल मजीद खोखर सहित सभी समाज, वर्ग के प्रतिनिधि यहां मौजूद रहे थे। इस दौरान बीकानेर पश्चिम विधानसभा के विधायक जेठानंद व्यास के हस्तक्षेप से धरना समाप्त हुआ। स्वर्णकार समाज सहित सभी पीड़ितों के परिजनों का एक आरोप है कि बीकानेर प्रशासन के साथ ही राज्य की सरकार ने भी इतने भीषण हादसे और 11 मौतों के बाद भी संवेदनशीलता नहीं दिखाई। त्वरित न्याय और सहायता उपलब्ध करवाने के प्रयास नहीं किये गये।
ये भी पढे 👇👇: